ISPL : सचिन तेंदुलकर की कश्मीर यात्रा: दिव्यांग क्रिकेटरों के साथ उत्सव, आमिर सचिन की मुलाकात

ISPL : भारत में क्रिकेट के जादूगर सचिन तेंदुलकर ने एक नई मील का पत्थर रखा है, जब उन्होंने मुंबई में इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (ISPL) की शुरुआत की। यह लीग न केवल क्रिकेट के प्रति देशवासियों के प्यार को और भी बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि यह एक मंच प्रदान करती है जहां नए और अनुभवी खिलाड़ी अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं।

पहले मुकाबले में, सचिन तेंदुलकर की मास्टर इलेवन और अक्षय कुमार की खिलाड़ी इलेवन के बीच एक उत्सवात्मक मैच आयोजित किया गया। लेकिन इस मैच का अधिक चर्चा तब होने लगा जब सचिन ने मैच के दौरान कश्मीर के दिव्यांग खिलाड़ी आमिर हुसैन के नाम की जर्सी पहनी। यह एक गौरवशाली कदम था, जिससे कश्मीर के खिलाड़ियों को समर्थन मिला और उनकी प्रेरणा में उन्हें और बढ़ावा मिला।

मैच से पहले, सचिन तेंदुलकर ने जम्मू और कश्मीर को गौरवान्वित किया, जिससे यह संदेश साफ हुआ कि क्रिकेट का खेल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि नगरीय स्तर पर भी समर्थित है। सचिन तेंदुलकर के द्वारा जर्सी पहनने का फैसला उनके समर्थन को और भी विशेष बना दिया, जो कश्मीर के खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत था।

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इस नई लीग के शुरुआती मैच ने क्रिकेट प्रेमियों को उत्साहित किया और उन्हें एक नया दौर दिखाने का एक मंच प्रदान किया। इससे उन्हें नई खिलाड़ियों और नए खेल की रूचि उत्तेजित की गई है, जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक अनुमानित स्तर प्रदान करता है।

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ISPL : सचिन तेंदुलकर हाल ही में अपने परिवार के साथ कश्मीर यात्रा पर गए थे। वहां, उन्होंने कश्मीर के दिव्यांग क्रिकेटर आमिर हुसैन से मुलाकात की थी, जिसने उन्हें बहुत प्रेरित किया। सचिन ने इस दौरान आमिर को एक बैट गिफ्ट किया था। इसके साथ ही, उन्होंने आमिर से उनकी कहानी के बारे में लंबी बातचीत की। आमिर का क्रिकेट खेलने का तरीका सचिन को बहुत पसंद आया।

दिव्यांग क्रिकेटर अपनी गर्दन और कंधे के बीच बल्ला फंसाकर बैटिंग करते हैं, जो सचिन को वास्तव में प्रभावित किया। इसके अलावा, जम्मू के क्रिकेटर अपने पैर से बॉलिंग कराते हैं। सचिन ने आमिर के साथ कश्मीर में हुई इस मुलाकात की वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की थी।

सचिन की इस यात्रा ने क्रिकेट जगत में उत्साह और उत्साह बढ़ाया, जो अब आमिर हुसैन जैसे छोटे क्रिकेटरों को भी एक प्रेरणा स्रोत मिला है। इससे दिखाया गया कि क्रिकेट न केवल खेल है, बल्कि एक सामाजिक संदेश और प्रेरणा का साधन भी हो सकता है।

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